भोपाल गैस त्रासदी की आज 41वीं बरसी है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने छुट्टी का ऐलान किया है। यानी आज बुधवार को राजधानी में स्थानीय अवकाश रहेगा। इसके तहत सभी स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे। सरकारी कार्यालयों में भी ताला लगा रहेगा। बुधवार सुबह 10.30 बजे बरकतुल्लाह भवन में सभी धर्म के तहत प्रार्थना होगी। इस सभा में भोपाल गैस त्रासदी में दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। अलग-अलग धर्मगुरु धर्मग्रंथों का पाठ करेंगे।
भोपाल में आज से बिल्कुल 41 साल पहले एक दर्दनाक घटना हुई थी, वह अभी तक भुलने से भी नहीं भुलाती है। जो दुनिया की सबसे भयानक औद्योगिक आपदा बन गई थी। जिसे नाम दिया गया भोपाल गैस लीक त्रासदी। दो-तीन दिसंबर, 1984 की दरम्यानी रात लोग अपने घरों में आराम से शो रहे थे। इसी दौरान यूनियन कार्बाइड लिमिटेड नाम की एक फैक्ट्री में गैस ली हो गई थी।
फैक्ट्री में क्या हुआ था?
यूनियन कार्बाइट लिमिटेड कंपनी में हर दिन की तरह उस रात भी कर्मचारी कीटनाशक दवाएं बना रहे थे। इस बीच संयंत्र से खतरनाक गैस मिथाइल आइसोसाइनेट का रिसाव शुरु होने लगा। यह रिसाव टैंक नंबर 610 में हुआ था। बताया जाता है कि इस गैस का रिसाव शुरूआत में तो धीरे-धीरे होने लगा तो इस समय तक एक सीमित एरिया में ही थी। लेकिन गैस का प्रेसर जैसे-जैसे बढ़ने लगा तो ज्यादा मात्र में गैस निकलने लगी, जिस वजह से यह पानी के संपर्क में आ गई और देखते ही देखते इस गैस ने राजधानी के एक बड़े एरिया को कवर कर लिया। बताते चलते है कि उस समय स्थानीय लोगों को रोजगार देने वाली बड़ी कंपनी थी। जिसके जरिए हजारों लोगों के घर चलते थे। लेकिन ये किसी को नहीं पता था कि जो कंपनी हजारों लोगों को रोजगार देगी, वहीं, कंपनी हजारों लोगों की जान लें लगी।